G7 शिखर सम्मेलन 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण
51वां G7 शिखर सम्मेलन 15-17 जून, 2025 तक कनानसकीस, अल्बर्टा, कनाडा में आयोजित होने जा रहा है।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और भारत को जी-7 शिखर सम्मेलन में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।
G7 क्या है?
- G7 विश्व की सर्वाधिक विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, जिसमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और कनाडा शामिल हैं।
इसकी स्थापना 1975 में तेल संकट और तत्कालीन आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए की गई थी।
- प्रारंभ में इसके केवल 6 सदस्य देश थे, तथा 1976 में कनाडा सातवां सदस्य बन गया।
- 1998 में रूस भी इस समूह में शामिल हो गया, जिससे यह G8 बन गया। हालाँकि, क्रीमिया पर कब्जे के कारण 2014 में रूस की सदस्यता निलंबित कर दी गई थी।
टिप्पणी:
- भारत G-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन 2019 से लगातार G7 शिखर सम्मेलन में भारत को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जा रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी जी-7 बैठकों में भाग ले चुके
G7 देशों के लिए भारत क्यों महत्वपूर्ण है?
- भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है तथा 140 करोड़ जनसंख्या वाला विश्व का सबसे बड़ा बाजार है।
- जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- चीन की विस्तारवादी नीतियों को संतुलित करने के लिए भारत एक स्वाभाविक रणनीतिक साझेदार बन रहा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सक्रियता G7 के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
- भारत Global South का प्रतिनिधित्व करता है।
भारत के लिए G7 का महत्व
- G7 शिखर सम्मेलन में भारत को अतिथि के रूप में आमंत्रित करना भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है।
- G7 देश भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं। मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों के लिए G7 देशों के साथ सहयोग महत्वपूर्ण है।
- चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए भारत गठबंधन बना सकता है।
- एआई और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में G7 देशों के साथ सहयोग बढ़ाया जा सकता है।