ऑनलाइन गेमिंग का संवर्धन और विनियमन अधिनियम, 2025


ऑनलाइन गेमिंग का संवर्धन और विनियमन अधिनियम, 2025


संसद द्वारा पारित  21 अगस्त 2025

 

ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर:  यह आम-तौर पर तीन अलग-अलग खंडों में विभाजित होता है

  1. स्पोर्ट्स: यह प्रतिस्पर्धी डिजिटल खेलों को संदर्भित करता है जहां टीमें या व्यक्ति संगठित टूर्नामेंट में भाग लेते हैं। ई-स्पोर्ट्स में सफलता के लिए रणनीति, समन्वयन और अग्रिम निर्णय लेने के कौशल की आवश्यकता होती है। उदाहरण – लीग ऑफ लीजेंड्स, कॉल ऑफ ड्यूटी आदि
  2. ऑनलाइन सोशल गेम्स: ये आकस्मिक गेम्स हैं जो रोजमर्रा के मनोरंजन का हिस्सा बनते हैं। वे मुख्य रूप से कौशल-आधारित हैं और मनोरंजन, सीखने या सामाजिक संपर्क के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ऐसे खेलों को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है और इसके नकारात्मक सामाजिक परिणाम नहीं होते। उदाहरण-ऑनलाइन चेस, लूडो किंग आदि
  3. ऑनलाइन मनी गेम्स: इस सेगमेंट में ऐसे गेम शामिल हैं जहां वित्तीय दांव शामिल हैं, चाहे वह मौके, कौशल या दोनों के संयोजन पर आधारित हो। इन प्लेटफार्मों ने व्यसन, वित्तीय नुकसान, मनी लॉन्ड्रिंग और यहां तक कि भारी मौद्रिक नुकसान से जुड़े आत्महत्या के मामलों की रिपोर्टों के कारण गंभीर चिंताएं जताई हैं। उदाहरण – ड्रीम11, रम्मीसर्कल,पोकर आदि

 

अधिनियम की आवश्यकता : ऑनलाइन मनी गेम्स के तेजी से प्रसार ने व्यक्तियों, परिवारों और राष्ट्र के लिए गंभीर जोखिम पैदा किए हैं।  एक अनुमान के अनुसार 45 करोड़ लोग ऑनलाइन मनी गेम से नकारात्मक रूप से प्रभावित हैं और इसके कारण उन्हें 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का सामना करना पड़ा है। अत: यह अधिनयम की आवश्यकता के प्रमुख कारण निम्न हैं:

  1. लत और वित्तीय नुकसान
  2. मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या
  3. धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग
  4. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा
  5. कानूनी खामियों को दूर करना: बहुत हद तक अनियमित ऑनलाइन डोमेन का भी विनियमन
  6. स्वस्थ विकल्पों को प्रोत्साहित करना
  7. कई गेमिंग प्लेटफॉर्म का अपतटीय न्यायालयों सेप्रचालित होना : इस सन्दर्भ में अतिरिक्त-क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार और अंतर-राज्य विसंगतियों  से सम्बंधित चुनौतियों को दूर करना
  8. भारत का प्रमुख गेमिंग हब के रूप में उभारना

 

विधेयक के प्रमुख प्रावधान : यह विधेयक ऑनलाइन मनी गेम्स से जुड़ी हानिकारक प्रथाओं को प्रतिबंधित करते हुए सुरक्षित डिजिटल मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक ढांचा तैयार करता है। इसके प्रमुख प्रावधान इस प्रकार है :

  1. प्रयोज्यता:  यह कानून पूरे भारत पर लागू होगा और भारत के क्षेत्र के भीतर दी जाने वाली या भारत के क्षेत्र के बाहर से संचालित ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा पर भी लागू होगा।
  2. ई-स्पोर्ट्स का प्रचार और मान्यता :
    • ई-स्पोर्ट्स को भारत में एक वैध प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता दी गई है।
    • युवा मामले और खेल मंत्रालय टूर्नामेंट के लिए दिशानिर्देश और मानक तैयार करेगा।
    • इस सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण अकादमियों, अनुसंधान केंद्रों और प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों की स्थापना की जाएगी।
    • ई-स्पोर्ट्स को व्यापक खेल नीतियों में समेकित करने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं और जागरूकता कार्यक्रम भी आरंभ किए जाएंगे।
  1. सामाजिक और शैक्षिक खेलों को बढ़ावा देना:
    • केंद्र सरकार को ऐसे सामाजिक खेलों को पहचानने और पंजीकृत करने की शक्तियां दी गई हैं जो सुरक्षित और आयु के हिसाब से उपयुक्त हैं। ये खेल शिक्षा, संस्कृति या कौशल पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
    • ऐसे कंटेंट को वितरित करने के लिए समर्पित प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे।
    • जागरूकता अभियान डिजिटल साक्षरता के निर्माण और स्वस्थ मनोरंजन को प्रोत्साहित करने में इन खेलों की सकारात्मक भूमिका को रेखांकित करेंगे।
  1. हानिकारक ऑनलाइन मनी गेम्स का निषेध :
    • यह विधेयक ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है। यह प्रतिबंध संयोग वाले खेल, कौशल वाले खेल और दोनों के संयोजन से बने खेलों पर लागू होता हैं। ।
    • ऐसे खेलों का विज्ञापन और प्रचार सख्त वर्जित किया गयाहै।
    • इन प्लेटफार्मों से संबंधित वित्तीय लेनदेन बैंकों या भुगतान प्रणालियों द्वारा प्रोसेस नहीं किए जा सकते हैं।
    • प्राधिकारियों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत गैरकानूनी प्लेटफार्मों तक पहुंच को अवरुद्ध करने का भी अधिकार होगा।
  1. ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण की स्थापना :
    • विधेयक के तहत निरीक्षण के लिए एक राष्ट्रीय स्तर के नियामक प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी, या एक मौजूदा प्राधिकरण को नामित किया जा सकता है।
    • इस प्राधिकरण के कार्य :
    • ऑनलाइन खेलों का वर्गीकरण और पंजीकरण करना,
    • यह निर्धारित करना कि कोई खेल मनी गेम है या नहीं
    • सार्वजनिक शिकायतों का निवारण करना
    • अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश, आचार संहिता और निर्देश जारी करना।
  1. अपराध और दंड :
    • ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश या सुविधा देने पर तीन साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इन खेलों से संबंधित वित्तीय लेनदेन भी इसी तरह के दंड के साथ दंडनीय हैं।
    • ऐसे खेलों का विज्ञापन करने पर दो साल तक की जेल और पचास लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
    • बार-बार अपराध करने वालो के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है। जिसमें पांच साल तक की सजा और दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना सम्मिलित है।
    • प्रमुख प्रावधानों के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।
  1. कॉर्पोरेट और संस्थागत दायित्व
    • कंपनियों और उनके अधिकारियों को अपराधों के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
    • हालांकि, स्वतंत्र निदेशक और गैर-कार्यकारी निदेशक, जो दिन-प्रतिदिन के निर्णयों में शामिल नहीं होते हैं, उन्हें दंडित नहीं किया जाएगा यदि वे यह दिखा सकते हैं कि उन्होंने उचित तौर-तरिको के साथ कार्य किया है।
  1. जांच और प्रवर्तन की शक्तियां
    • केंद्र सरकार अधिकारियों को अपराधों से जुड़ी डिजिटल और वास्तविक संपत्ति दोनों की जांच, तलाशी और जब्त करने के लिए अधिकृत कर सकती है।
    • कुछ मामलों में, अधिकारियों के पास परिसर में प्रवेश करने और वारंट के बिना गिरफ्तारी करने की शक्ति होगी।
    • जांच भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्रावधानों का पालन करेगी, जो भारत में आपराधिक प्रक्रिया को नियंत्रित करती है।
  1. नियम बनाने की शक्तियां
    • केंद्र सरकार के पास निम्न सम्बन्ध में नियम बनाने की शक्ति होगी:
    • ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को प्रोत्साहन देने
    • ऑनलाइन गेम की मान्यता और पंजीकरण और
    • ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण के कार्य के निर्धारण के लिए
    • आवश्यक किसी अन्य मामले पर भी

 

विधेयक से समाज को होने वाले लाभ :

    1. रचनात्मक अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन: निर्यात के अवसरों का विस्तार, नई नौकरियां का सृजन और गेमिंग क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन
    2. युवाओं को सशक्त बनाना: युवाओं में आत्मविश्वास, अनुशासन और टीम वर्क बनाने में मदद तथा  प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए करियर के मार्ग भी प्रशस्त करेंगे।
    3. एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण: आसान वित्तीय लाभ के झूठे वादों जैसे खतरों से परिवारों को बचाना
    4. वैश्विक नेतृत्व को सुदृढ़ करना : भारत ज़िम्मेदार गेमिंग और डिजिटल नीति में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरेगा
    5. सामाजिक सुरक्षा के साथ नवाचार को संतुलन

 

ऑनलाइन गेमिंग के जोखिमों का सामना करने के लिए अन्य प्रमुख कदम:

  1. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और संबंधित नियम : सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) अधिनियम, 2000 में 2023 में किये गए संशोधन ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के लिये मानदंड निर्धारित किये।
    • ऑनलाइन गेमिंग मध्यवर्तियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके नेटवर्क पर गैरकानूनी या अवैध सामग्री साझा नहीं की जाती है।
    • मनी गेम की पेशकश करने वाले मध्यवर्तियों को स्व-नियामक निकायों (एसआरबी) के साथ पंजीकरण करना आवश्यक है, जो यह सत्यापित करते हैं कि इस गेम को अनुमति प्राप्त है या नहीं।
    • आईटी अधिनयम की धारा 69A सरकार को अवैध वेबसाइटों या लिंक तक पहुंच को अवरुद्ध करने का अधिकार प्रदान करती है।
  1. भारतीय न्याय संहिता 2023
    • धारा 111– गैरकानूनी आर्थिक गतिविधियों और साइबर अपराधों को दंडित।
    • धारा 112– अनधिकृत सट्टेबाजी और जुए के लिए सजा का निर्धारण (जुर्माने के साथ कम से कम एक साल की सजा, जिसे सात साल तक बढाया जा सकता है)
  1. एकीकृत माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 (आईजीएसटी अधिनियम)
    • अवैध और अपतटीय गेमिंग प्लेटफार्मों को IGST अधिनियम के अंतर्गत विनियमित किया जाता है।
    • ऑनलाइन मनी गेमिंग सप्लायर्स को सरलीकृत पंजीकरण योजना के अंतर्गत पंजीकरण करना होगा।
    • जीएसटीआसूचना महानिदेशालय  (Directorate General of GST Intelligence)  को  अपंजीकृत या गैर-अनुपालन गेमिंग मंचों तक पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए मध्यस्थों को निर्देश देने का अधिकार है।
  1. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
    • भ्रामक और छद्म विज्ञापनों पर रोक लगाता है
    • केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए)के पास अपराधियों की जांच करने, दंडित करने और आपराधिक कार्रवाई करने की शक्तियाँ हैं।
  1. साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग :
    • नागरिक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल(cybercrime.gov.in) पर साइबर अपराध की जानकारी दे सकते हैं।
    • ऑनलाइन घोटालों और धोखाधड़ी की त्वरित रिपोर्टिंग के लिएएक टोल-फ्री हेल्पलाइन1930 उपलब्ध है।
  1. मंत्रालयों द्वारा सलाह सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) और शिक्षा मंत्रालय ने मीडिया प्लेटफॉर्म, विज्ञापनदाताओं, प्रभावशाली व्यक्तियों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सुरक्षित गेमिंग आदतों पर परामर्श जारी किए हैं।

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