अर्थशास्त्र की मूलभूत अवधारणाएं – बैंकिग (RAS : प्रारम्भिक परीक्षा)
वित्तीय समावेशन सूचकांक -2025
- उद्देश्य- भारत में वित्तीय समावेशन की प्रगति का मापन करना।
- जारीकर्ता – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
- स्कोर-67 (वित्त वर्ष 25)
- वृद्धि 4.3% (FY-24 में 64.2)
- वित्त वर्ष 25 में सूचकांक के तीनों कारकों में वृद्धि हुई।
- बिना ‘‘आधार वर्ष’’ के तैयार किया जाता है।
FII-वित्तीय समावेशन सूचकांक-
- शुरुआत – 2021, RBI के द्वारा।
- इसका मूल्य 0-100 के बीच होता है।
- 0 का अर्थ है कोई वित्तीय समावेशन न होना।
- 100 का अर्थ है पूर्ण वित्तीय समावेशन होना।
- इसकी गणना के लिए 3 आयामों तथा 97 संकेतकों का प्रयोग किया जाता है।
कारक भारांश
पहुँच 35%
उपयोगिता 45%
गुणवत्ता 20%
स्त्रोत -The Indian Express, दैनिक जागरण, स्प्रिंगबोड एकेडमी नोट्स