उपराष्ट्रपति


संदर्भ – भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए पत्र में इस्तीफे के लिए ख़राब स्वास्थ्य को कारण बताया है ।


 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्री जगदीप धनखड़ का इस्तीफ़ा मंजूर कर लिया है ।

• श्री जगदीप धनकड़ संसद सत्र के दौरान पद से इस्तीफ़ा देने वाले पहले उपराष्ट्रपति है ।
•⁠ श्री धनखड़ 2022 में उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए थे तथा उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था ।

 

भारत में उपराष्ट्रपति के पद से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

• भारत में उपराष्ट्रपति का पद संयुक्त राज्य अमेरिका से लिया गया है ।
• अमेरिका में उपराष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रपति के समान होता है जबकि भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रपति से अलग होता है।

 

भारत के संविधान में उपराष्ट्रपति से संबंधित प्रावधान

अनुच्छेद  63 में भारत के उपराष्ट्रपति का प्रावधान किया गया है ।
अनुच्छेद  64 के अनुसार भारत का उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होगा ।
अनुच्छेद  65 के राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में अथवा राष्ट्रपति का पद रिक्त होने की स्तिथि में उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के कार्यो का निर्वहन करेगा।

अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति हेतु योग्यताओं , शर्तों एवं निर्वाचन संबंधी प्रावधान किए गए है ।

निर्वाचक मंडल – भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा एवं राज्यसभा के सभी सदस्य (निर्वाचित+ मनोनीत) मतदान करते है ।
निर्वाचन पद्धति – उपराष्ट्रपति का चुनाव *आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति एवं एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है ।

योग्यताएँ –
(1) वह भारत का नागरिक हो ।
(2) 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो ।
(3) वह राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए योग्य हो ।
(4) केंद्र सरकार व राज्य सरकार अथवा अन्य किसी सार्वजनिक प्राधिकरण के अंतर्गत किसी लाभ के पद पर नहीं हो ।

 

अनुच्छेद 67 में उपराष्ट्रपति के कार्यकाल एवं पद से हटाने संबंधी प्रावधान किए गए है –

•उपराष्ट्रपति का कार्यकाल शपथ ग्रहण से 5 वर्ष की अवधि तक होगा ।
•उपराष्ट्रपति को पद से हटाने का कारण संविधान में उल्लेखित नहीं है ।
•उपराष्ट्रपति को पद से हटाने का प्रस्ताव केवल राज्यसभा में लाया जा सकता है ।
14 दिन के नोटिस के बाद सदन इस प्रस्ताव पर चर्चा कर सकता है ।
•चर्चा के दौरान उपराष्ट्रपति , पीठासीन अधिकारी नहीं हो सकता परंतु वह सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है तथा अपना पक्ष रख सकता है ।
•चूँकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सदस्य नहीं होता है अतः वह प्रस्ताव पर मतदान नहीं कर सकता है ।
•यह प्रस्ताव राज्यसभा में तत्कालीन सदस्यों के बहुमत (प्रभावी बहुमत) से पारित किया जाना चाहिए । इसके बाद प्रस्ताव लोकसभा में भेजा जाता है जिसे लोकसभा में साधारण बहुमत द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए ।

 

अनुच्छेद68 के अनुसार यदि उपराष्ट्रपति का पद (मृत्यु, त्याग पत्र, पद से हटाए जाने के कारण ) रिक्त हो जाये तो यथाशीघ्र उपराष्ट्रपति का निर्वाचन किया जाना चाहिए ।
• उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व ए अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव कर लेना चाहिए ।

अनुच्छेद69 के अंतर्गत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति को शपथ दिलवाता है ।

 

SOURCE – Dainik Jagran + SBA Content

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