पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में पहुँचाने की तैयारी कर रहा भारत


पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में पहुँचाने की तैयारी कर रहा भारतः

  • जून में होने वाली FATF की बैठक में भारत, पाकिस्तान प्रायोजित आंतकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की तैयारी कर रहा है।
  • भारतीय अधिकारियों द्वारा एक विस्तृत डोजियर तैयार किया जा रहा है जिसमें पाकिस्तान में आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े व्यक्तियों एवं संगठनों के विरूद्ध पुख्ता सबूत होंगे।
  • ये डोजियर FATF को सौंप कर, पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में पहुँचाने का प्रयास किया जायेगा।

FATF क्या है?

  • FATF (Financial Action Task Force) एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो धन शोधन, आतंकवाद को फंडिंग तथा अन्य वित्तीय अपराधों के खिलाफ काम करती है।
  • स्थापना- G 7 देशों की पहल पर इसकी स्थापना 1989 में हुई।
  • मुख्यालय- पेरिस (फ्रांस)
  • सदस्य- भारत सहित 39 देश।

मुख्य कार्य   1.      सदस्य देशों की वित्तीय व्यवस्था का मूल्यांकन।

  1. मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने के विरूद्ध दिशा निर्देश जारी करना।
  2. नियमों का पालन नहीं करने वाले देशों को ग्रे लिस्ट एवं ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है।
  3. ग्रे लिस्ट ब्लैक लिस्ट क्या है?

ग्रे लिस्टः इसमें वे देश होते है जो FATF के नियमों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहें, किंतु भविष्य में सुधार की कोशिश कर रहे। ऐसे देशों पर अंतर्राष्ट्रीय निगरानी बढ़ा दी जाती है।

ब्लैक लिस्टः वे देश जिनमें सुधार का प्रयास भी नहीं किया जा रहा है। इन पर आर्थिक प्रतिबंध लगाये जा सकते है।

FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल होने के प्रभाव

  1. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था व अंतर्राष्ट्रीय छवि नकारात्मक रूप से प्रभावित।
  2. विदेशी निवेश में गिरावट होगी।
  3. IMF WORLD BANK बैंक जैसी संस्थाओं से ऋण सख्त शर्तों पर प्राप्त होगा।
  4. डॉलर आपूर्ति में कमी से स्थानीय मुद्रा कमजोर होगी।
  5. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का दबाव बढ़ेगा कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों पर ठोस कार्रवाई करें।

अतः FATF की ग्रे लिस्ट में रहना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय संबंध और वित्तीय प्रतिष्ठा को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।

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