राष्ट्रीय शिक्षा दिवस


Aaditya Deore

प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को मनाया जाता है, जो स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। 11 नवंबर 2008 से इसकी आधिकारिक शुरुआत की गई थी, और यह दिन विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करने के लिए समर्पित है।

मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को मक्का, सऊदी अरब में हुआ था। उनका परिवार 1890 में भारत लौट आया। उन्होंने 1905 में बंगाल विभाजन का विरोध किया और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की अलगाववादी विचारधारा का भी विरोध किया। मौलाना आजाद ने असहयोग आंदोलन, खिलाफत आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय योगदान दिया।

उन्हें भारत रत्न* (1992 में मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया था।

मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा स्थापित प्रमुख संस्थान:
1. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (1950)
2. संगीत नाटक अकादमी (1953)
3. साहित्य अकादमी (1954)
4. ललित कला अकादमी (1954)

उनके शिक्षा मंत्री के कार्यकाल (15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958) में कई महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थान स्थापित किए गए, जैसे :- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)।

उनके प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं और कृतियाँ

– अलहिलाल (1912) – कलकत्ता से प्रकाशित साप्ताहिक अखबार, जो ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ था।
– अलबलाग
– पैगाम
– लिसान-उल-सिदक
– India Wins Freedom – उनकी आत्मकथा जो स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित है।

मौलाना अबुल कलाम आजाद का योगदान भारतीय शिक्षा और संस्कृति में अनमोल रहेगा, और उनका दृष्टिकोण और दृष्टि आज भी भारतीय शिक्षा नीति को आकार देती है।

 

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