राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025: सहकार से समृ‌द्धि की ओर


राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025: सहकार से समृ‌द्धि की ओर

* भारतीय राजव्यवस्था *
Paper-IIIrd – Unit-Ist


स्मरण रखने योग्य : वर्ष 2025 को अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
यह नीति वर्ष 2002 की राष्ट्रीय सहकारिता नीति को प्रतिस्थापित करेगी तथा 2025-45 के लिए सहकारिता क्षेत्र के विकास की दिशा एवं दशा तय करेगी।.
संवैधानिक प्रावधान: 97th संविधान संशोधन 2011 द्वारा सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया
Article 19 (1) (c) सहकारी समितियों के गठन का अधिकार (मूल अधिकार)
Article 43 B सहकारी समितियों का संवर्द्धन (नीति निदेशक तत्व)
भाग- IX B (Article 243 ZH-243 ZT) सहकारी समितियों के शासन के लिए प्रावधान
• यह नीति सुरेश प्रभु की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा बनाई गयी।

प्रावधानः
1. देश के हर गांव में कम से कम एक सहकारी समिति खुलेगी एवं हर तहसील में पांच-पांच मॉडल सहकारी गांव बनेंगे।
2. ‘सहकार टैक्सी’ की भी भविष्य के लिए घोषणा ।
3. सहकारी सम्बन्धी योजनाओं को एकीकृत करना जैसे: कृषि क्षेत्र, दुग्ध क्षेत्र, वित्तीय सहायता सम्बन्धी इत्यादि)

उद्देश्यः
1. यह नीति सहकारी क्षेत्र के तेज, समग्र और व्यवस्थित विकास का रोडमैप है।
2. इसका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना एवं युवाओं तथा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना है।
3. अगले 10 वर्षों में 50 करोड़ लोगों को सहकारी ढांचे से जोड़‌ना और उनका आर्थिक योगदान तीन गुना करना।
4. डेयरी सहकारी समितियों के माध्यम से “श्वेत क्रान्ति 2.0” को प्रोत्साहित करना।
5. दलहन, तिलहन, मक्का और मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाकर खाद्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।

 

Source: राजस्थान पत्रिका, M. Laxmikant एवं govt. के official Advertisement.

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