भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार यदि लगातार कुछ दिनों तक मैदानी भागों में लगभग 40ºC व पहाड़ी भागों में लगभग 30ºC से अधिक तापमान बना रहे तो इसे हीटवेव की स्थिति कहा जाता है।
इस स्थिति में तापमान, सामान्य से लगभग5ºC से 6.5ºC तक अधिक होता है।
कारण–
वैश्विक ताप वृद्धि एवं जलवायु परिवर्तन।
वनों की कटाई
शहरीकरण से स्थानीय तापमान में वृद्धि
स्थिर उच्च दाब प्रणाली जिससे गर्म हवाएँ नीचे की ओर प्रवाहित होती है।
प्रभाव
अर्थव्यवस्थापरप्रभाव–
अत्यधिक तापमान के कारण फसल खराबी।
पशुधन की जान को खतरा।
रोजगार में नियोजित व्यक्तियों की कार्यक्षमता में कमी (75% कार्यबल गर्मी से संपर्क वाले कार्यों में नियोजित)।
घरेलू बिजली की मांग बढ़ने के कारण बिजली कटौती होती है, जिससे औद्योगिक उत्पादन में कमी आती है।
Heat Stroke के कारण GDP को5% नुकसान।
स्वास्थ्यपरप्रभाव–
अत्यधिक गर्मी में बाहर निकलने पर हीट स्ट्रोक
किडनी पर नकारात्मक प्रभाव
मस्तिष्क में सूजन
समाधानः
हीटवेव से होने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करने की दिशा में निम्न प्रयास किये जा सकते है।
अल्पकालिकप्रयासः–
स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था
ग्रामीण क्षेत्रों में आशा सहयोगिनी के माध्यम से ORS वितरण।
हीट स्ट्रोक से प्रभावित व्यक्तियों के लिए अस्पतालों में Dedicated health unit.
सर्दी में रेन बसेरों की तर्ज पर गर्मियों में भी आश्रय स्थल।
लोगों को Heat wave के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना।
दीर्घकालिकउपाय–
सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाना।
पार्कों की संख्या बढ़ाना।
आवासीय भवनों की छतों पर सफेद पेंट करवाना ताकि सूर्य की किरणों को परावर्तित किया जा सके।